किगेलिया (Kigelia) पेड़ पश्चिम अफ्रीका का मूल फूल रहा है । यह पेड़ उष्णकटिबंधीय अफ्रीका , दक्षिण अफ्रीका (africana ), मध्य और पश्चिम अफ्रीका मे पाया जाता है! यहा भी ये पेड़ खीरा या सॉसेज पेड़ के रूप में जाना जाता है और इसका फल बड़े आकार का ( औसत 0.6 मीटर लंबाई और 4 किग्रा वजन ) खीरे जाएसा होता है! इसके फल रेशेदार डंठल पर लंबे लटके होते है! इसका फूल बड़ा लाल रंग और बाहर से पीले रंग का लाल फूल होता है । बालम खीरा पूरे भारत ( दिल्ली , पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत ) मे पाया जाता है! हिंदी मे इसे बालम खीरा, पहाड़ी खीरा और झार फनूस के नाम से जाना जाता है!
सॉसेज पेड़ के लाभ
इस पेड़ के विभिन्न भागों औषधियो के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं । किगेलिया (बालम खीरा), गुर्दे की पथरी, त्वचा रोग, पेचिश, पेरसिटिक इनफेस्टेशन, प्रसवोत्तर रक्तस्राव , मधुमेह, निमोनिया, दांत दर्द, गठिया, सीएनएस अवसाद, कृमि प्रकोप , यौन संक्रमण आदि के उपचार में प्रयोग किया जाता है!
एक प्रयोगशाला अध्ययन जो नर चूहों पर किया गया था मूत्र प्रणाली में कहीं भी स्थित पत्थर के साथ क्योकि नर चूहों के मूत्र प्रणाली मनुष्यों के समान है। नर चूहों को 200 मिलीग्राम और 400 मिलीग्राम बालम खीरे के फल का चूर्ण हर दिन 15 दिनों के लिए के दिया गया और उपचार के परिणाम मे कम गुर्दे की पत्थरी दिखी और मूत्राशय की पथरी का विकास नही हुआ! इस अध्ययन से गुर्दे की पत्थरी के इलाज के लिए किगेलिया (बालम खीरा) उपयोगी पाया गया!
किगेलिया (बालम खीरा) पेड़ की ऊंचाई लगभग 10-20 मीटर, वसंत ऋतु में फूल आते है, फूल अनियमित घंटी के आकार का, फल आयताकार 30-50 सेमी लंबा और कई महीने तक डंठल पर लटकता रहता है! इस पड़े के कचे फल खाने के रूप मे उपयोग नही किये जा सकते क्योकि ये ज़हर के समान है! किगेलिया (बालम खीरा) के फल का उपयोग सूखा कर कम मात्रा मे किया जाता है! पथरी मे फल को सूखा कर ओर उसका चूरन 3 से 5 ग्राम की मात्रा मे 2 टाइम पानी के साथ किया जाता है!
औषधीय उपयोग
चिकित्सा में जड़, छाल , पत्ते, ताना और फल का उपयोग पाचन विकार के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है और जड़ों की छाल और पके या कच्चे फल का उपयोग एक रेचक के रूप में किया जाता है। पेड़ के विभिन्न हिस्से आंतरिक रूप से और बाहर से इस्तेमाल किए जा रहे हैं । अफ्रीका के कुछ हिस्सों में, सॉसेज पेड़ के फल भुना कर खाये जाते है! फल को दोष मुक्त त्वचा पाने के लिए और सूर्य के निशान को हटाने के लिए चेहरे पर लागू लगया जाता हैं। इसका उपयोग अल्सर के लिए भी किया जाता है! जड़ / छाल के काढ़े का उपयोग दांत दर्द और अल्सर के लिए पर बाहरी रूप से लगया जाता है और निमोनिया के लिए कुल्ला के रूप में प्रयोग किया जाता है । अपरिपक्व( कचा ) फल घाव पर लगते है और यह बवासीर और गठिया पर पर भी लगते है!
– अफ्रीका में, फल रेचक के रूप में और पेचिश के लिए इस्तेमाल किया जाता है और यह मुँहासे के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है! घाव और अल्सर के लिए फल पाउडर। पाउडर कीटाणुनाशक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है फलों का पाउडर या स्लाइस स्तन मजबूती के लिए इस्तेमाल किया जाता है स्तनों की सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है
– रूट–छाल कैंसर या गर्भाशय के लिए इस्तेमाल किया गया है।
– कड़वा छाल दोनों उपदंश और सूजाक के लिए इस्तेमाल होता है।
– छाल गठिया और पेचिश के लिए प्रयोग किया जाता है।
– टोंगस अल्सर के लिए फल पाउडर लेप के रूप मे उपयोग करें।
– कच्चा फल गठिया और उपदंश के लिए लेप के रूप में प्रयोग किया जाता है।
– छाल या जड़ों पाउडर निमोनिया के इलाज के लिए, पत्ता पीठदर्द के लिए लेप के रूप मे उपयोग करे!
बालम खीरा ज़हरीला है इसका उपयोग सोच समझ कर करे! प्रयोग करने से पहले किसी जानकार वेद या अपने डॉक्टर से पूछे! यहा जानकरी इंटरनेट से रिसर्च कर के पब्लिश की गी है! हेरबसजोय डॉट कॉम इसके लिए किसी भी तराहा से रेस्पोन्सबले नही है! अगर आप कुछ भी उपयोग करे तो अपने रिस्क पर करे!
Source: http://www.herbsjoy.com/2016/06/06/kigelia-health-benefits-and-uses/